जबलपुर लोकायुक्त का छापा गोटेगांव एसडीएम 2 लाख रुपए की रिश्वत लेते धराये
न्यूज़ एक्सप्रेस18 गोटेगांव -जबलपुर लोकायुक्त का छापा गोटेगांव एसडीएम 2 लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार गोटेगांव के एक कांग्रेस नेता एवं ठेकेदार ने लोकायुक्त से शिकायत की थी की एसडीएम उनसे किसी मामले में दो लाख रुपए की मांग कर रहे हैं इस पर कार्रवाई करते हुए लोकायुक्त की टीम ने बुधवार सुबह परमहंसी गंगा आश्रम के नजदीक स्थित PWD रेस्ट हाउस में गोटेगांव एसडीएम रमेश वंशकार को रिश्वत में लिए गए दो लाख रुपए के साथ रखे हाथों पकड़ा।
गोटेगांव नगर के प्रतिष्ठित ठेकेदार एवं कांग्रेस नेता सुरेंद्र राय विगत कई दिनों से मिट्टी खदान की मंजूरी के लिए एसडीएम कार्यालय के चक्कर काट रहे थे और एसडीएम उनसे रुपयों की मांग कर रहे थे परेशान होकर सुरेंद्र राय ने लोकायुक्त में शिकायत की, राय की शिकायत पर बुधवार सुबह लोकायुक्त की टीम झोंतेश्वर स्थित PWD रेस्ट हाउस पहुंची और एसडीएम गोटेगांव को दो लाख रुपए रिश्वत के साथ रंगे हाथों धर दबोचा।
लोकायुक्त की टीम के DSP दिलीप झरबड़े कि सात सदस्यीय टीम ने कार्यवाही को अंजाम दिया
लोकायुक्त की टीम में दिलीप झरबड़े के अलावा निरीक्षक मनोज गुप्ता, कमल सिंह उईके, आरक्षक गोविंद सिंह, विनोद चौहान, ड्राइवर सुरेंद्र सिंह ठाकुर सहित दो अन्य गुप्तचर कर्मचारी मौजूद थे।
डीएसपी दिलीप झरबड़े ने बताया की गोटेगांव के एक ठेकेदार सुरेंद्र राय सड़क निर्माण हेतु मिट्टी खदान की मंजूरी के लिए एसडीएम कार्यालय के चक्कर काट रहे थे इसी दौरान एसडीएम रमेश बंशकार द्वारा उनसे 2 लाख रुपए की मांग की गई जिसकी शिकायत उन्होंने लोकायुक्त टीम को की थी राय की शिकायत पर कार्यवाही करते हुए एसडीएम के पास से 2 लाख रुपए जप्त किए गए हैं और आगे की कार्यवाही चल रही है ।
वही पता चला है कि एस डी एम के कमरे के अंदर से दो लाख साठ हजार रुपए और पाए गए हैं इन रुपयों के संबंध में एसडीएम का कहना है कि हमने जो प्लाट बेचा था यह उसके पैसे हैं इन रुपयों के संबंध में जांच के बाद ही पता चल पाएगा कि यह पैसे कहां से आए वहीं उनके कमरे से एक लिफाफा भी पाया गया है हालांकि उसके संबंध में लोकायुक्त टीम ने कुछ नहीं कहा है उस लिफाफे के अंदर क्या था यह आगे की कार्यवाही के बाद ही पता चल सकेगा, यदि कार्यवाही सही तरीके से होती है तो ऐसे और कई मामले उजागर होने की संभावना है
ठेकेदार सुरेंद्र राय ने बताया की मिट्टी खदान की जो स्वीकृति जारी होती है उसके लिए एसडीएम की सहमति लगती है और इनको अपना अभिमत भेजना पड़ता है मेरी चार मिट्टी खदानों के लिए इनको अभिमत जारी करना था जिसके लिए 2 लाख रुपए की मांग कर रहे थे आज दिनांक को तय हुआ था कि चारों खदानों की फाइल यहां लेकर आऊंगा और उसके एवज में 2 लाख रुपए देने की बात कही गई थी, मैंने आकर उन्हें 2 लाख रुपए दिए तो उन्होंने कहा कि सोफे के कवर के नीचे रख दीजिए मैंने उनके बताए स्थान पर रुपए रख दिए और उसके बाद लोकायुक्त की टीम ने आकर वह रुपए बरामद किए।
रमेश बंशकार का कहना था कि लोकायुक्त की कार्यवाही झूठी है उन्हें फसाया जा रहा है उनका कहना था कि मैं यहां रेस्ट हाउस में रहता हूं मेरा कमरा हमेशा लॉक रहता है बाहर बैठक में कौन आता है कौन जाता है इसकी मुझे कोई जानकारी नहीं है लोकायुक्त कार्यवाही पर सवाल उठाते हुए कहा कि मुझे झूठे मामले में फंसाया जा रहा है
गोटेगांव नगर के प्रतिष्ठित ठेकेदार एवं कांग्रेस नेता सुरेंद्र राय विगत कई दिनों से मिट्टी खदान की मंजूरी के लिए एसडीएम कार्यालय के चक्कर काट रहे थे और एसडीएम उनसे रुपयों की मांग कर रहे थे परेशान होकर सुरेंद्र राय ने लोकायुक्त में शिकायत की, राय की शिकायत पर बुधवार सुबह लोकायुक्त की टीम झोंतेश्वर स्थित PWD रेस्ट हाउस पहुंची और एसडीएम गोटेगांव को दो लाख रुपए रिश्वत के साथ रंगे हाथों धर दबोचा।
लोकायुक्त की टीम के DSP दिलीप झरबड़े कि सात सदस्यीय टीम ने कार्यवाही को अंजाम दिया
लोकायुक्त की टीम में दिलीप झरबड़े के अलावा निरीक्षक मनोज गुप्ता, कमल सिंह उईके, आरक्षक गोविंद सिंह, विनोद चौहान, ड्राइवर सुरेंद्र सिंह ठाकुर सहित दो अन्य गुप्तचर कर्मचारी मौजूद थे।
डीएसपी दिलीप झरबड़े ने बताया की गोटेगांव के एक ठेकेदार सुरेंद्र राय सड़क निर्माण हेतु मिट्टी खदान की मंजूरी के लिए एसडीएम कार्यालय के चक्कर काट रहे थे इसी दौरान एसडीएम रमेश बंशकार द्वारा उनसे 2 लाख रुपए की मांग की गई जिसकी शिकायत उन्होंने लोकायुक्त टीम को की थी राय की शिकायत पर कार्यवाही करते हुए एसडीएम के पास से 2 लाख रुपए जप्त किए गए हैं और आगे की कार्यवाही चल रही है ।
ठेकेदार सुरेंद्र राय ने बताया की मिट्टी खदान की जो स्वीकृति जारी होती है उसके लिए एसडीएम की सहमति लगती है और इनको अपना अभिमत भेजना पड़ता है मेरी चार मिट्टी खदानों के लिए इनको अभिमत जारी करना था जिसके लिए 2 लाख रुपए की मांग कर रहे थे आज दिनांक को तय हुआ था कि चारों खदानों की फाइल यहां लेकर आऊंगा और उसके एवज में 2 लाख रुपए देने की बात कही गई थी, मैंने आकर उन्हें 2 लाख रुपए दिए तो उन्होंने कहा कि सोफे के कवर के नीचे रख दीजिए मैंने उनके बताए स्थान पर रुपए रख दिए और उसके बाद लोकायुक्त की टीम ने आकर वह रुपए बरामद किए।
रमेश बंशकार का कहना था कि लोकायुक्त की कार्यवाही झूठी है उन्हें फसाया जा रहा है उनका कहना था कि मैं यहां रेस्ट हाउस में रहता हूं मेरा कमरा हमेशा लॉक रहता है बाहर बैठक में कौन आता है कौन जाता है इसकी मुझे कोई जानकारी नहीं है लोकायुक्त कार्यवाही पर सवाल उठाते हुए कहा कि मुझे झूठे मामले में फंसाया जा रहा है
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